मेवात नूंह

मेवात नूंह

हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को भड़की हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है.
नूंह से लेकर गुरुग्राम तक संघर्ष प्रभावित जिलों में केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।हरियाणा पुलिस ने नूंह में हुई हिंसा के मामले में अब तक 45 एफआईआर दर्ज कर 139 लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले की जांच के लिए तीन जांच पैनल बनाए गए हैं।

मेवात नूंह

आखिरकार मेवात के नूंह में ये हिंसा क्यों हुई … इस सवाल का जवाब यहां के पिछले इतिहास, भूगोल और इन सब सामाजिक संरचना में छिपा है.

नूंह कहां है जहां हिंसा हुई

चमचमाती बहुमंजिला इमारतों वाले गुरुग्राम से करीब 50 किलोमीटर दूर नूंह इलाके में 79 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है.

नूंह का नाम साल 2016 में नाम बदला इसके पहले नूंह को मेवात ही के नाम से जाना जाता था.

लेकिन मेवात सिर्फ एक जिला नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक और भौतिक क्षेत्र है, जो हरियाणा से लेकर राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले तक फैला हुआ है।

मेव मुसलमानो के वजह से ही इस क्षेत्र का नाम मेवात पड़ा और इसी नाम से जाने जाना लगा

इस क्षेत्र की अधिकांश भूमि पिछड़ेपन का शिकार है। पेयजल से लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में यह क्षेत्र भारत के अन्य जिलों से पिछड़ा हुआ है.

हरियाणा के नूंह (मेवात) जिले की सामाजिक और आर्थिक स्थिति ऐसी है कि वर्ष 2018 में नीति आयोग की रिपोर्ट में इसे देश का सबसे पिछड़ा जिला घोषित किया गया था।

हरियाणा को दक्षिण में राजस्थान और पूर्व में उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले इस जिले की वार्षिक प्रति व्यक्ति आय गुरुग्राम की तुलना में दस प्रतिशत भी नहीं है।

हरियाणा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 में जहां गुरुग्राम की प्रति व्यक्ति आय 3,16,512 रुपये थी, वहीं नूंह की प्रति व्यक्ति आय 27,791 रुपये थी. इसके बाद यह आखरी ऑफिसियल उपलब्ध डाटा है
पिछले कुछ सालों में नूंह साइबर क्राइम का नया हॉटस्पॉट बनकर उभरा है.

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में यहां 52,974 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 12 फीसदी मामले अकेले नूंह से जुड़े हैं.

जिला सरकार ने हाल ही में जानकारी दी है कि उसने 28000 मामलों का निपटारा कर दिया है जिनमें 100 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी हुई थी.

लेकिन मेवात सिर्फ एक जिला नहीं बल्कि एक भौतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है जो हरियाणा से लेकर राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले तक फैला हुआ है।

ये बात इस इलाके को सोमवार को हुई हिंसा से जोड़ती है.

मेवात क्षेत्र जहां से होकर बृजमंडल यात्रा गुजरती है

रविवार को विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में निकाली गई बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा गुरुग्राम से होते हुए मेवात में समाप्त होनी थी।

इस यात्रा में शामिल लोग गुरुग्राम से मेवात जिले में स्थित नल्हरेश्वर मंदिर पहुंचे.

इसके बाद यात्रा इस मंदिर से 45 किमी दूर श्रृंगार गांव पहुंचती है, जहां से यात्रा में शामिल लोग श्रंगेश्वर महादेव मंदिर में जाकर जलाभिषेक की प्रक्रिया पूरी करते हैं।

लेकिन हिंसा भरे नलहरेश्वर मंदिर के क्षेत्र के बाद से यात्रा आगे की और नहीं बढ़ सकी.

लगभग तीन साल पहले विहिप के मार्गदर्शन में शुरू हुई यात्रा का लक्ष्य क्षेत्र के उन हिंदू मंदिरों और पवित्र स्थानों को सामने लाना है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनका संबंध महाभारत से है।

विश्व हिंदू परिषद का तर्क है कि ”20वीं सदी की शुरुआत में मेवात में हिंदू समाज बहुसंख्यक था, लेकिन अब धर्मांतरण के कारण यह मुस्लिम बहुसंख्यक हो गया है और इसके बाद हिंदुओं का जीवन अति दूभर हो गया है.”

विश्व हिंदू परिषद पिछले कुछ वर्षों से लगातार इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

वीएचपी और बीजेपी की राजनीति पर नजर रखने वाली वरिष्ठ पत्रकार राधिका रामाशेषन इन कोशिशों को ध्रुवीकरण की राजनीति से जोड़कर देखती हैं.

मेवात नूंह
मेवात नूंह

उन्होंने कहा, ”हरियाणा में बीजेपी की स्थिति फिलहाल अच्छी नहीं है. ऐसे में उनकी चाहत होगी कि किसी तरह हिंदू और मुसलमानों के बीच ध्रुवीकरण हो जाए. किसान आंदोलन के बाद से हरियाणा में राजनीति जाति के आधार पर बंटी हुई है और जब भी बीजेपी को लगता है कि राजनीति का ध्रुवीकरण धर्म की बजाय जाति के आधार पर हो रहा है तो वह इसे धर्म के आधार पर लाने की कोशिश करती है. “

लेकिन सवाल ये उठता है कि जब मेवात में मुसलमानों की संख्या 80 फीसदी है तो फिर यहां बीजेपी के लिए कितने विकल्प हैं.

इस सवाल का जवाब देते हुए राधिका रामाशेषन कहती हैं, ”मेवात में मुसलमानों की आबादी 80 फीसदी है. लेकिन यूपी के रामपुर का उदाहरण लें तो वहां भी बड़ी संख्या में मुस्लिम हैं और वीएचपी के दम पर ही बीजेपी ने वहां भी अपनी पैठ बनाई.

मेवात नूंह
मेवात नूंह

“ऐसा लगता है की भाजपा मेवात नूंह में हुई हिंसा के आधार पर हरियाणा के बाकी क्षेत्रों में भी हिंदुओं को आकर्षित करने की जबरदस्त कोशिश करेगी। ये दास्ताँ आने वाले अगले आम चुनाव तक चलेगी. लेकिन ये कहानी हरियाणा में कितनी सफल होगी ये देखने वाली बात होगी. क्योंकि एक बार जब राजनीति जाति पर शुरू हो जाती है, तो इसे धर्म के आधार पर विभाजित करना थोड़ा कठिन होता है।

मेवात में रहने वाले मुसलमानों को मेव मुस्लिम के रूप में जाना जाता है, जिन्हें कथित तौर पर महात्मा गांधी ने ‘भारत की रीढ़’ बताया था।

Happy Birthday to : Kishore Kumar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *