हिंदू धर्म में हरियाली तीज बहुत महत्वपूर्ण है। हरियाली तीज सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व माता पार्वती को समर्पित होते हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए यह पर्व बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन सुहागिन महिलाएं माता पार्वती को पूरी तरह से पूजती हैं।

हरियाली तीज का महत्व क्या है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कठोर तपस्या के बाद शिव ने हरियाली तीज के दिन माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए आज भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का दिन है। इस दिन भगवान शिव शंकर और मां पार्वती की पूजा की जाती है।
यह व्रत सुहागिन महिलाओं का वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। साथ ही कुवारी लड़किया भी इस व्रत को अच्छे वर के लिए करती हैं। प्राचीन काल से ही हरियाली तीज पर 16 श्रृंगार और हरे रंग के कपड़े पहनने का खास महत्व है, साथ ही इस दिन महिलाएं झूला भी झूलती हैं।
ग्रीष्म तीज क्यों मनाया जाता है? (Hariyali Teej का उत्सव क्यों मनाया जाता है)
भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार हरियाली तीज है। यह श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर साल मनाया जाता है। श्रावणी तीज भी इसका नाम है। ये व्रत मां पार्वती और महादेव के मिलाप पर आधारित है। ये व्रत सुहागिनों के लिए बहुत पावन और लाभकारी है। इस दिन सुहागिनें मां पार्वती और भगवान शिव से अपने पति के लिए लंबे जीवन का आशीर्वाद मांगती हैं।
हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने का महत्व
हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगाती हैं। यह सोलह श्रृंगारों में से एक महत्वपूर्ण श्रृंगार है। रचने के बाद मेहंदी का रंग लाल होता है, क्योंकि लाल रंग देवी मां की पोशाक और कपड़े का प्रतीक है। माना जाता है कि हरियाली तीज के दिन मेहंदी की गहराई पति-पत्नी के रिश्ते को उतना ही मधुर बनाती है। इस दिन मेहंदी लगाना माँ पार्वती से प्रेम और सुहाग का आशीर्वाद है।

Hariyali Teej 2023 का मंत्र, पति को लंबी आयु देता है
महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखती हैं ताकि वे अखंड सौभाग्य और सुहाग की दीर्घायु पा सकें। हरियाली तीज की पूजा में इस मंत्र का जाप जरूर करें. यह आपके पति को लंबी आयु देगा।
हरियाली तीज के पावन अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती को चावल और दूध से बनी खीर का भोग दें। इसके बाद आप इसे प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण करें। साथ ही अपने पति को यह खीर भी दें। ऐसा करने से पति-पत्नी के प्रेम संबंध मजबूत होते हैं और दांपत्य जीवन में मिठास आती है।
हरियाली तीज पर घेवर का खाना बहुत महत्वपूर्ण है। हरियाली तीज पर घेवर का भोग जरूर लगाएं क्योंकि यह शुभ फल देता है। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है और वंश वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
सूजी का हलवा मीठे में आप घर में भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित कर सकते हैं। इससे आपकी शिव और शक्ति की कृपा मिलेगी।

हरियाली तीज के पांच रिवाज
- हरियाली तीज पर महिलाओं को उनके घर से मायके भेजा जाता है। तीज से एक दिन पहले सिंजारा मनाया जाता है। इस दिन ससुराल पक्ष से नवविवाहिता के लिए वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार के सामान, मेहंदी, फल और मिठाई आदि भेजे जाते हैं।
- हरियाली तीज पर एक मेहंदी लगाना शुभ है। महिलाएं और युवतियां हरियाली तीज पर पैरों में आलता लगाते हैं और हाथों पर मेहंदी रचाते हैं। यह सुहागिन महिलाओं की सुहाग का संकेत माना जाता है।
- इस दिन महिलाओं को मायके से प्राप्त शृंगार की वस्तुओं और वस्त्रों को ही पहनना चाहिए।
- हरियाली तीज के दिन सुहागिन स्त्रियां अपनी सास को पैर छूकर शुभकामना देती हैं। यदि सास नहीं है, तो सुहागा जेठानी या किसी अन्य वृद्धा को दिया जा सकता है। महिलाएं इस अवसर पर मां पार्वती की पूजा करती हैं, श्रृंगार और नए कपड़े पहनकर।
- हरियाली तीज के दिन, महिलाएं और कुंवारी कन्याएं खेत या बाग में झूले झूलती हैं और सावन या तीज के गीत गाकर उन पर नृत्य करती हैं। नवविवाहित स्त्रियों के लिए ये त्योहार एकदम अलग हैं।

हरियाली तीज की पूजा घर पर ऐसे करें (Hariyali Teej Puja 2023)
हरियाली तीज की सुबह, स्त्रियां स्नान करके हरें रंग के कपड़े, चूड़ी आदि पहनकर श्रृंगार करें। इसके बाद पूजा घर में दीप जलाकर व्रत करने का निश्चय करें। पूजा करने से पहले पूजास्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर पूजा करना महत्वपूर्ण है। शिवलिंग, गणेश और पार्वती की प्रतिमाओं को शुद्ध मिट्टी या बालू से बनाएं। गणपति को सबसे पहले पूजन करें, उन्हें दूर्वा सहित पूजन सामग्री चढ़ाएं।
शिवजी और माता पार्वती को श्रद्धांजलि दें। शिवलिंग को पंचामृत और भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक करें।
ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः का जाप करें। हे गौरी, मैं अब शंकरार्धांगी।
जैसे कि त्वं शंकर प्रिया तथा मां कुरु कल्याणी कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्॥ इस मंत्र का जाप करके माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं। शिव पार्वती को बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा, नारियल, सुपारी, कलश चावल, चंदन चढ़ाएं। हरियाली तीज व्रत की कहानी सुनें और फिर आरती करें।
पूजा समाप्त होने पर, सुहागिनें सास, नंद या घर की वरिष्ठ महिला को बायना देकर आशीर्वाद दें। अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत करें। पूजा पूरी होने पर मिट्टी से बनाया गया शिवलिंग और पूजा में चढ़ाई गई वस्तुओं को जल में प्रवाहित करें।
2023 Hariyali Teej Mantra: हरी तीज के मंत्र
1- गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया, मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।
2- ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः
3- ऊं नम: शिवाय
4- ऊं पार्वत्यै नम:
5- ‘ऊँ साम्ब शिवाय नमः’
6- ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।
7- ‘ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः

हरियाली तीज का महत्व: एक पौराणिक कथा कहती है कि हरियाली तीज के दिन ही देवताओं के देव महादेव ने माता पार्वती को पत्नी बनाया था। देवी पार्वती ने पति शिव को पाने के लिए 107 जन्मों तक कठोर तपस्या की। 108वें जन्म में, शंकर ने माता पार्वती के कठिन तप से बहुत प्रसन्न होकर उनसे शादी की। यही कारण है कि हरियाली तीज का दिन सुहागिनों के लिए बहुत अलग है। स्त्रियों को इस व्रत से उचित लाभ मिलता है।