Gaza Hospital

Ghazi शहर के अल-अहली अस्पताल में एक जानलेवा धमाके में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है।

बीबीसी संवाददाता रुश्दी अबु अलूफ ने गज़ा के अल-अहली अरब बैप्टिस्ट अस्पताल में धमाके की घटनास्थल की जांच की। यहां लोग अभी भी मृतकों के शवों के टुकड़ों को इकट्ठा कर रहे हैं, उन्होंने कहा।

Ghazi शहर के अल-अहली अस्पताल में एक जानलेवा धमाके में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है।

हमास के नियंत्रण वाले गज़ा के फ़लस्तीनी प्रशासन ने हमले के तुरंत बाद इसराइल को दोषी ठहराते हुए कहा कि यह एक सोच-समझकर किया गया हमला था।

इसराइल ने हालांकि इस हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है।

Ghazi शहर के अल-अहली अस्पताल में एक जानलेवा धमाके में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है।

एक दूसरे पर लगाए जा रहे इन आरोपों के बीच, वास्तविकता का पता लगाना बहुत मुश्किल हो गया है।

बीबीसी वेरिफ़ाई हमले से जुड़े वीडियो, तस्वीरें और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान सहित अन्य सबूतों की मदद से पूरे मामले को स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा है। साथ ही, इसमें बीबीसी के संवाददाता की मदद ली गई, जिन्होंने दुर्लभ स्थानों पर जाकर देखा।

हर समय इस घटना से जुड़ी नई जानकारी आती रहती है। इसलिए, हम किसी विशेषज्ञ से बात करेंगे जैसे ही हम और जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही, पाठकों को अधिक जानकारी देने के लिए हम इस रिपोर्ट को भी अपडेट करते हैं।

यह भी महत्वपूर्ण है कि जमीन पर चल रहे युद्ध की इतनी सूचनाओं के साथ-साथ इंटरनेट पर भी एक अलग युद्ध चल रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है कि इसराइल और गज़ा के प्रशासन ने एक धमाके का दावा किया है। हम उनके बयान और दावे भी देख रहे हैं।

ग़ज़ा के अस्पताल में हुए धमाके के बारे में वीडियो, तस्वीरें और अन्य सबूत क्या बताते हैं?

जब आग लगी

स्थानीय समय (GMT) के अनुसार मंगलवार शाम सात बजे अस्पताल में धमाका हुआ। लगता है कि 20 सेकेंड का वीडियो धमाके के समय का पहला सबूत है, जो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

इसमें आप हवा से मारने वाले हथियार (प्रॉजेक्टाइल) की सीटी की आवाज़ सुन सकते हैं। इसके बाद भयंकर आग लगती है।

स्थानीय समय के अनुसार छह बजकर 59 मिनट पर अल-जज़ीरा मीडिया नेटवर्क पर प्रसारित एक लाइव फुटेज में गज़ा के आसमान पर एक चमकीली रोशनी जाती हुई दिखाई देती है। मार्ग बदलने से पहले ये दो बार तेज़ी से चमकते हैं और फिर फट जाते हैं।

बाद में दूर से ज़मीन पर एक धमाका सुनाई देता है, जो एक कैमरा ऑपरेटर के पास होता है। हम कैमरे की जगह सटीक ढूंढने में कामयाब रहे।

कुछ विश्लेषकों का विचार है कि यह शायद कोई रॉकेट था जो फटता हुआ दिखता था।

यही धमाका अलग-अलग एंगल और दूरियों से सोशल मीडिया चैनलों पर पोस्ट किए गए अन्य वीडियो में दिखाई देता है।

बीबीसी ने 20 थिंक टैंक, विश्वविद्यालयों और संस्थानों से बात की, जो हथियारों के मामले में सहयोग करते हैं। 5 लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है और 9 लोगों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन हमें छह जानकारों से बात करने में सफलता मिली।

हमने विशेषज्ञों से पूछा कि क्या इन सबूतों, जैसे धमाके के आकार और पहले सुनाई दी आवाज़, से इसके कारण का पता लगाया जा सकता है?

इस विषय में अभी तक कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकाला गया है। तीन जानकारों ने कहा कि इसराइल में आम तौर पर अधिक असलहे का इस्तेमाल होता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं दिखाई देता।

अमेरिका की वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफ़ेसर आंद्रे गैनन का कहना है कि लगता है कि धमाका छोटा था, यानी रॉकेट में बचे हुए ईंधन के जलने से गर्मी पैदा हुई, न कि हथियार से हुए धमाके से।

इस बात से सहमत हैं ब्रिटेन के रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज़ इंस्टिट्यूट (रूसी) में वरिष्ठ शोधार्थी जस्टिन ब्रॉन्क। उसने कहा कि इतनी जल्दी स्पष्ट रूप से कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन वह कहते हैं कि ऐसा लगता है कि धमाका कार पार्किंग पर गिरने से हुआ, जिसके ईंधन में आग लगी थी।

गैनन का कहना है कि वीडियो को देखकर यकीन नहीं हो सकता कि यही जगह आसमान से गिरे प्रॉजेक्टाइल के निशाने पर थी। उन्होंने कहा कि आसमान में दिख रही चमक से लगता है कि प्रॉजेक्टाइल एक रॉकेट था, जिसके इंजन ने अधिक गर्म होने पर काम करना बंद कर दिया था।

रिस्क मैनेजमेंट कंपनी सिबिलीन में मध्य पूर्व मामलों की विश्लेषक वैलेरी स्कूतो ने कहा कि इसराइल हेलफ़ायर मिसाइल और हवा के ज़रिये हमले कर सकता है। लेकिन यह मिसाइल बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करती है, इससे ज़मीन पर बड़ा गड्ढा नहीं छोड़ा जाता।लेकिन यह मिसाइल बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करती है, इससे ज़मीन पर बड़ा गड्ढा नहीं छोड़ा जाता।वैलेरी का कहना है कि वीडियो फुटेज में अस्पताल के बाहर आग लगने का पैटर्न इससे मेल नहीं खाता।

धमाके की जगह से प्राप्त सबूत

बीबीसी ने अल अहली अस्पताल की इमारतों के डिजाइन को सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध उपग्रह की तस्वीरों से जोड़कर पुष्टि की कि धमाका अस्पताल के आसपास हुआ है।उपलब्ध सबूतों के अनुसार, धमाका अस्पताल के आसपास हुआ। धमाके के बाद घटनास्थल से ली गई तस्वीरों में आसपास की अस्पताल इमारतों को कोई विशेष क्षति नहीं हुई है। लेकिन चित्रों में झुलसने के निशान और जली हुई कारें दिखाई देती हैं।इस अस्पताल का संचालन एंग्लिकन चर्च करता है। यरूशलम के सैंट जॉर्ज कॉलेज के डीन कैनन रिचर्ड सेवेल ने बीबीसी को बताया कि इस अस्पताल के परिसर में लगभग 1000 विस्थापितों ने आश्रय लिया था और धमाका के समय 600 मरीज हुए थे और कर्मचारी अस्पताल के अंदर मौजूद थे।

पीड़ितों की स्थिति

बुधवार सुबह बीबीसी संवाददाता रुश्दी अबु अलूफ अल अहली अस्पताल गए। उन्हें प्रत्यक्षदर्शियों ने तबाही के कई स्थानों के बारे में बताया। कुछ लोगों ने कहा कि शव अभी भी इकट्ठा किए जा रहे हैं।

उन्हें एक व्यक्ति ने बताया कि धमाका हुआ तो महिलाएं, बच्चे और बुढ़े भी अस्पताल में थे।

पीड़ितों की तस्वीरों और वीडियो का अध्ययन किया जा रहा है। धमाके के बारे में पता लगाने में उन्हें किस तरह की चोटें आई हैं?

बीबीसी ने दहला देने वाली पीड़ितों की तस्वीरें दिखाई हैं। कई लोग गंभीर चोटें झेल चुके हैं।

यूके के पैथोलॉजिस्ट और फ़िज़िशियन्स फॉर ह्यूमन राइट्स संस्थापक डेरिक पाउंडर ने पीड़ितों की कुछ तस्वीर देखी हैं।

उनका कहना है कि धमाके के बाद बम के टुकड़ों ने पीड़ितों के शरीर पर जैसे घावों के निशान छोड़े हैं।

वह कहता है कि पीड़ितों की तस्वीरों से स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा जा सकता क्योंकि ऐसी कम तस्वीरें हैं जिनकी पुष्टि की जा सकती है।

बुधवार को फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि धमाके में 471 लोग मारे गए।

इसराइली सेना ने वहीं कहा कि यह संख्या बढ़ा दी गई है। सेना ने अपने मृतकों का आंकड़ा नहीं बताया है।

अब तक इस क्षेत्र में स्वतंत्र संस्थाएं नहीं आई हैं। ऐसे में मृतकों के सही आंकड़े की पुष्टि करना मुश्किल है।

हम अभी क्या नहीं जानते

धमाके के बाद बना गड्ढा बहुत महत्वपूर्ण सबूत है।

इसराइल डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ़) का कहना है कि बड़ा गड्ढा न बनना और साथ की इमारतों को धमाके से नुकसान पहुंचना साबित करता है कि यह धमाका उनके हथियारों से नहीं हुआ।

तुम एक छोटा सा गड्ढा देख सकते हो। हम यह भी पता लगा रहे हैं कि वहां दिख रहे अंतिम निशान किसी और गड्ढे के नहीं हैं।

मिसाइल के टुकड़े, जो अभी तक नहीं मिले हैं, एक अतिरिक्त सबूत हैं। हवा से मारने वाले हथियारों को उनके खोल से पहचाना जाता है। इससे पता लगाया जा सकता है कि यह कहां से आया। लेकिन अभी तक हमें कोई सबूत नहीं मिला है।

इसराइली सेना ने एक रिकॉर्डिंग जारी की है जिसमें दो हमास लड़ाके ने स्वीकार किया है कि यह प्रॉजेक्टाइल फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) नामक एक संगठन ने किया था।

PIJ Gaza, हमास के बाद फ़लस्तीन का दूसरा सबसे बड़ा चरमपंथी समूह है, सात अक्टूबर को इसराइल पर हुए हमले का समर्थन किया था।

इस रिकॉर्डिंग की स्वतंत्र पुष्टि करना मुश्किल है। पीआईजे ने एक बयान जारी करके इसराइल को इस धमाके का दोषी ठहराया है।

युद्ध के संकेत देखने का समय आ गया। विश्वयुद्ध का इतिहास फिर से होगा?

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