Joe Biden

अमेरिका अपने राष्ट्रपति जो बाइडन को दिल्ली में कैसे सुरक्षा देगा? पूरी सेना उनकी सुरक्षा में लगी रहती है जब वे बाहर हैं। ठीक है, धरती से आकाश तक एक सुरक्षा घेरा जो दुनिया के किसी भी नेता को नहीं मिलेगा। सैटलाइट भी उस क्षेत्र पर नजर रखता है जहां राष्ट्रपति हैं।

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Joe Biden: जो बाइडन अब दिल्ली पहुंच रहे हैं।

दिल्ली: एक अलग तरह का सुरक्षा घेरा कल शाम 5 बजे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का विशेष विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करते ही एक्टिव हो जाएगा। ठीक है, अमेरिका के राष्ट्रपति के काफिले को धरती से या आसमान से भी देखा जाएगा।

ऐसे में, दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति जब विदेश में हैं तो उनकी सुरक्षा कैसे होती है? क्या वे भारत में गाड़ी चलाएँगे? बाइडन की सुरक्षा के लिए क्या कोई खास योजना है? पहले जो बाइडन दिल्ली के आईटीसी मौर्या होटल में रुकेंगे,

यह जान लें। US राष्ट्रपति को बचाने की पूरी जिम्मेदारी सीक्रेट सर्विस की होती है। यही संस्था राष्ट्रपति को हर जगह सुरक्षित रखती है। वैसे, नई दिल्ली क्षेत्र में सुरक्षा की कठोरता को देखकर लगता है कि कमांडोज 26/11 मुंबई हमले जैसे परिस्थितियों से निपटने के लिए पहले से तैयार हैं। होटलों में हथियारों की पूरी व्यवस्था है।

आगे पढ़ें कि अमेरिका भारत या किसी अन्य देश में अपने राष्ट्रपति को कैसे सुरक्षा देता है। इमरजेंसी होने पर 3 मिनट में उड़ान भरेगा: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अपने सुपर एयरक्राफ्ट ‘एयर फोर्स-वन’ से पालम टेक्निकल एरिया में लैंड करते समय अपने विमान को पार्क नहीं करेंगे। यह दिल्ली में रहते हुए 24X7 अलर्ट मोड पर रहेगा।

ताकि किसी भी इमरजेंसी में अपने देश के राष्ट्रपति को लेकर तुरंत टेकऑफ करने के लिए, इसके कॉकपिट में पायलट लगातार तैनात रहेंगे। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी प्रेसिडेंट की सुरक्षा के लिए सीक्रेट सर्विस और CIA ने यह सुरक्षा व्यवस्था दी है।

इसके परिणामस्वरूप एयरफोर्स-वन दिल्ली में एक निश्चित रनवे के निकट पार्क किया जाएगा। जहां वह पूरे समय अलर्ट मोड पर रहेगा इमरजेंसी में यह विमान 3 से 4 मिनट में उड़ान भर सकता है।


राष्ट्रपति के लड़ाकू विमान के साथ दो से तीन अमेरिकी फाइटर जेट भी उचित दूरी पर उड़ान भरते हैं, ताकि हवाई अड्डे की सुरक्षा में कोई समस्या न हो। जब बाइडन का काफिला दिल्ली में लैंड करने के बाद बीस्ट में निकलेगा, तब उनके जैसी दो या तीन कारें और हो सकती हैं।


रक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने एनबीटी को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन को पूरे समय एक अमेरिकी सैटलाइट स्पेस से निगरानी मिलेगी। उनके होटल और प्रगति मैदान में आयोजन स्थल को यह सैटलाइट कवर करेगा। वह जहां भी रहेगा और जाएगा, पूरे क्षेत्र की निगरानी करेगा ताकि किसी भी संदिग्ध घटना पर तुरंत कार्रवाई हो सके।

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राष्ट्रपति के लिए ब्लड का भी इंतजाम

यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन अमेरिकी सीक्रेट सर्विस भी राष्ट्रपति को ब्लड की आपूर्ति सुनिश्चित करता है। सीक्रेट सर्विस पहले ही राष्ट्रपति के मार्ग पर जाकर सुरक्षा की जांच करती है। इमरजेंसी रूट योजनाबद्ध किए जाते हैं, खतरे के सीन बनाए जाते हैं और इमरजेंसी रिहर्सल की जाती है ताकि कोई चूक न हो।

स्निफर डॉग, उनका बम निरोधक दस्ता, पहले से ही अपने राष्ट्रपति की सुरक्षा की जांच कर चुका है। भारतीय सैनिकों और सुरक्षा एजेंसियों ने जी20 समिट में शामिल होने वाले सभी नेताओं को घेर लिया जाएगा, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में सीक्रेट सर्विस के जवान एक साये की तरह एक साथ चलेंगे।
साथ ही, न्यूक्लियर मिसाइलों का कोड सीक्रेट सर्विस उस व्यक्ति को भी बचाता है जो उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ है। एक सैन्य अफसर 20 किग्रा का एक मेटल ब्रीफकेस लेकर चलता है। तस्वीरों में भी आपने देखा होगा।

उस ब्रीफकेस में वास्तव में अमेरिकी परमाणु मिसाइलों का लॉन्च कोड है। रेस्ट रूम या अन्य निजी स्थानों पर भी सीक्रेट सर्विस के एजेंट से दूर रहते हैं। कानून में ऐसा प्रावधान है कि राष्ट्रपति भी उन्हें अकेला छोड़ने का आदेश नहीं दे सकते। राष्ट्रपति की हर जानकारी सीक्रेट सर्विस को मालूम है। करीब 7000 कर्मचारियों में से एक तिहाई महिलाएं हैं।

आकाश में क्या घटित होता है?

वास्तव में, अमेरिकी राष्ट्रपति को लेकर उड़ने वाला विमान कोई आम विमान नहीं है। राष्ट्रपति के लिए 370 वर्ग मीटर का स्थान इसमें है। प्लेन में एक बार में सौ लोगों का भोजन बनाया जा सकता है। किसी आलीशान होटल से कम नहीं है। यह विमान ऐसा बनाया गया है कि परमाणु हमले का भी असर नहीं होगा।

मिसाइल और अन्य हमलों से बचने के लिए पूरी सुरक्षा होती है। अमेरिका पर हमला होने पर एयरफोर्स वन मोबाइल कमांड सेंटर का कार्य कर सकता है। फिल्मों में दिखाया जाता है कि प्लेन में पैराशूट या एस्केप पॉड होता है, लेकिन असल में बहुत कम लोग जानते हैं कि प्लेन के भीतर क्या-क्या गुप्त बातें छिपी हैं।
हां, बाइडन की बीस्ट (9000 किग्रा) सड़क पर उतरेगी। Chevrolet Kodiak ट्रक चेचिस यह है। मोटाई 8 इंच से अधिक हो सकती है। प्लेन की खिड़कियां कार की तरह होती हैं। यह स्मोक-स्क्रीन, आंसू गैस से बचने और नाइट-विजन तकनीक से सुसज्जित है।

ड्राइवर को ऐसा प्रशिक्षण मिलता है कि वह हमले से बचने के लिए अचानक 180 डिग्री का टर्न ले सकता है। राष्ट्रपति वॉशिंगटन ने कार में बैठे-बैठे दुनिया भर के अधिकारियों से बातचीत की है। अंत में, आपको बता दें कि राष्ट्रपति के लिए दो एयरफोर्स-1 प्लेन उपयोग में लिए जाते हैं।

राष्ट्रपति की लिमोजिन कार और अन्य सुरक्षा उपकरण विदेश जाने से पहले ही सी5 गैलेक्सी कार्गो प्लेन या Boeing C-17 Globemaster III से भेजे जाते हैं। करीब एक हजार अधिकारियों और सैनिक उनके साथ हो सकते हैं।

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यही कारण है कि सभी को होटल में आने-जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था करनी चाहिए। राष्ट्रपति बाइडन शुक्रवार शाम को नई दिल्ली पहुंचने के बाद उसी रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

कृष्ण जन्माष्टमी तीन दिन तक इस्कॉन बेंगलुरु में मनाई जाएगी, जहां भजन सम्राट अनूप जलोटा शामिल होंगे।

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