चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 ने पहला परीक्षण पास किया, लॉन्च के बाद अंतरिक्ष में पहुंचा, पता चला चांद पर कब पहुंचेगा
चंद्रयान -3 लॉन्च का समाचार: इसरो के LVM3-M4 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी है जो की चंद्रमा पर चंद्रयान -3 की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का अभूतपूर्व ऐतिहासिक क्षण है।
“चंद्रयान -3 लॉन्च: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना तीसरा चंद्रयान मिशन शुरू करते हुए चंद्रयान -3 की अपनी यात्रा शुरू की। 642 टन वजनी और 43.5 मीटर लंबा एलवीएम 3-एम 4 रॉकेट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ। एक बार पृथ्वी की कक्षा में, चंद्रयान-3 को चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेप पथ पर रखा जाएगा। चंद्रयान को पहुचनेमे करीब 42 दिनों तक का समय लगनेवाला है , यह चंद्रयान चन्द्रमा तक पहुंचने के लिए 300,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा। श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण पर अपडेट लगातार जारी रहिगी |
“पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्ववीट में कहा है की चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अभूतपूर्व अध्याय का आगाज किया है और यह क्षण हर भारतीयों के सपनों और आकांक्षाओं को ऊपर उठाया है। यह महत्वपूर्ण अभूतपूर्व उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अटूट समर्पण और प्रयास का प्रमाण है। उनकी भावनाओं और प्रतिभा को सलाम!”
“चंद्रयान-3 42 दिनों में चांद पर पहुंचेगा”

चंद्रयान-3 का लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से हुआ है जो की आंध्र प्रदेश में स्थित है । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 642 टन के वजनी एलवीएम3 रॉकेट ने शुक्रवार को अंतरिक्ष की और उड़ान भरी। चंद्रयान-3, भारत का यह तीसरा चंद्रमा मिशन है। इसके बाद यह 384,000 किलोमीटर से अधिक लंबी अपनी चंद्र की यात्रा शुरू करेगा। इसरो द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान द्वारा ले जाए गए लैंडर को अगस्त 23 या 24 को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की आशा है।”
“इसरो के चार साल के अथक प्रयास के बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा पर पहुंचने के लिए तैयार है। पूरे देश की नजरे इस वक्त इसरो के वैज्ञानिकों पर टिकी हुई है। अगर इसरो चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान को सुरक्षित उतारने के मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लेता है, तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।” ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नामक यह मिशन संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद भारत को इस सूची में चौथे देश के रूप में रखेगा।
चन्द्रयान की रोचक यात्रा
1 15 अगस्त 2003 को पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने चंद्रयान कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा की थी ।
2 22 अक्टूबर, 2008 को चंद्रयान-1 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के आंध्रप्रदेश से उड़ान भरी थी ।
3 8 नवंबर, 2008: चंद्रयान-1 ने चंद्र कक्षा पर अपनी स्थिति स्थापित करने के लिए चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेप पथ में प्रवेश किया।
4 14 नवंबर, 2008: चंद्रयान-1 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक घटना का अनुभव किया लेकिन चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि की।
5 28 अगस्त 2009 को इसरो का चंद्रयान-1 मिशन आधिकारिक रूप से संपन्न हुआ।
6 22 जुलाई, 2019: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 को श्रीहरिकोटा आंध्रप्रदेश से लॉन्च किया गया।

7 20 अगस्त, 2019: चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक प्रवेश किया।
8 2 सितंबर, 2019: लैंडर “विक्रम” चंद्र ध्रुवीय कक्षा के चारों ओर घूमते समय चंद्र ऑर्बिटर से अलग हो गया, लेकिन चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूट गया।
९ 14 जुलाई, 2023: चंद्रयान-3 सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा।
10 23/24 अगस्त, 2023: इसरो वैज्ञानिकों ने 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई है, जो भारत को उन देशों में शामिल कर देगा जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।
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